रविवार, 17 दिसंबर 2023

माँ रूपादे मन्दिर के छठे वार्षिक पाटोत्सव में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन..

क्षेत्रवासियों के प्रेम, सौहार्द व माँ रूपादे जी के प्रति भक्तों की आस्था ने मन को मोहा- रावल किशनसिंह
माँ रूपादे मन्दिर के छठे वार्षिक पाटोत्सव में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का हुआ आयोजन
तिलवाड़ा :- श्री रावल मल्लीनाथ श्री राणी रूपादे संस्थान (तिलवाड़ा) की ओर से पालियाधाम स्थित संत शिरोमणि श्री राणी रूपादे जी मन्दिर के छठे वार्षिक पाटोत्सव कार्यक्रम का आयोजन किया गया। श्री श्री 1008 श्री पारसराम जी महाराज जेतेश्वर धाम (सिणधरी) व श्री श्री 1008 श्री भरतगिरि जी महाराज नागाजी का धुणा (बालोतरा) के पावन सानिध्य व संस्थान अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल के मार्गदर्शन में छठे वार्षिक पाटोत्सव कार्यक्रम के तहत रात्रि जागरण, ध्वजपूजन, ध्वजारोहण व महाप्रसादी का आयोजन किया गया। वैदाचार्य श्री दीपक भट्ट, श्री नीतेश त्रिपाठी व पंडित श्री मनोहरलाल अवस्थी द्वारा गणपति पूजन, श्रीशुक्त, पुरुशुक्त, रुद्र्शुक्त, दुर्गासप्तशती पाठ, पंचांग पीठ पूजन, कलश पूजन, नवग्रह पूजन, सोड़समात्रिका पूजन, सप्तघृतमात्रिका पूजन, प्रधान देवी श्री राणी रूपादे जी का पूजन व हवन के साथ ध्वजपूजन किया गया। उसके बाद श्री रावल मल्लीनाथजी व उनकी राणी संत शिरोमणि श्री राणी रूपादे जी के समस्त भक्तों की ओर से मन्दिर शिखर पर गाजे बाजे के साथ छतिशी कौम की उपस्थिति में संस्थान अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल द्वारा ध्वजा चढ़ाई गई। इस दौरान जयकारों से मन्दिर परिसर गुंजायमान हुआ। 

संस्थान प्रबंधन कमेटी सचिव सुमेरसिंह वरिया ने बताया कि पालियाधाम में संत शिरोमणि माँ श्री राणी रूपादे जी मन्दिर (पालियाधाम) के छठे वार्षिक पाटोत्सव कार्यक्रम को लेकर संस्थान की ओर से रंग बिरंगी रोशनी व फूलों से मन्दिर प्रांगण में आकर्षक सजावट की गई। साथ ही मन्दिर में विराजित माँ रूपादे जी की प्रतिमा का विशेष श्रृंगार किया गया। श्री राणी रूपादे मंदिर के छठे वार्षिक पाटोत्सव की पूर्व संध्या पर शतचंडी हवन व दुर्गा सप्तशती पाठ के साथ भजन संध्या का अयोजन हुआ। जागरण में स्थानीय भजन गायकों तेजाराम, हेमाराम, समर्थाराम द्वारा सुमधुर वाणी में रावल श्री मल्लीनाथ जी की शौर्य गाथाऍं, श्री रूपादे जी की वेल, मालदे जी की महिमा, श्री राणीसा भटियाणीसा के भजन आदि की समधुर वाणी में प्रस्तुतियां दी गई। श्री पारसराम जी महाराज (सिणधरी) ने कहा कि वर्तमान में शिक्षा का अधिक महत्व है। हम समाज में बालिकाओं को आगे लाकर शिक्षित करें। तथा धर्म के विषय पर चर्चा करते हुए कहा कि संस्कार व संयम रूपी पूंजी से जीवन को आगे बढ़ाने की दिशा मिलती है। सनातन धर्म हमारी सांस्कृतिक विरासत को संजोए हुए है। हमें इसका संरक्षण करना है। उन्होंने कहा कि वसुधैव कुटुंबकम धारणा के साथ मुख्य लक्ष्य सामाजिक, आर्थिक और आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ समाज का विकास करना था ताकि देश और दुनिया एक ही समय में प्रगति कर सकें। कार्यक्रम में श्री भरतगिरी जी महाराज (बालोतरा) ने कहा कि व्यक्तिगत जीवन में आगे बढ़ने और भारत को फिर से विश्वगुरु बनाने के लिए प्रत्येक हिंदू को सनातन धर्म के सिद्धांतों को पूरी तरह से अपनाना होगा। वेदों, उपनिषेदों और गीता से सभी वैज्ञानिक प्रबंधन और जीवन कौशल का अध्ययन करना होगा और एकजुट हिंदू के रूप में समाज में आगे बढ़ना और काम करना होगा। संस्थान अध्यक्ष रावल किशनसिंह जसोल ने कहा कि पालियाधाम का नजारा मन को मोहित करने वाला है। ये स्थानीय क्षेत्रवासियों के प्रेम सौहार्द एवं माँ रूपादे जी के प्रति समस्त भक्तों की आस्था तथा माँ की असीम कृपा से ही संभव हुआ है। यंहा प्रमुख सन्त महात्माओं का आगमन हुआ है। कुछ दिनों पूर्व ही जगतगुरु शंकराचार्य श्री नरेंद्रानंद सरस्वती जी महाराज सुमेरूपीठ (काशी) ने पालिया धाम पधारकर मंदिर को निहारा था। उन्होंने कहा कि मनुष्य ईश्वर पर सच्ची श्रद्धा रखें तो नियति और ईमानदारी से सारे कार्य सिद्ध कर सकता है। साथ ही उन्होंने कहा कि आज के दौर में श्री राणी रूपादे जी के भजनों में बताये गए उपदेश और सत्य के मार्ग पर चलने से मनुष्य के सर्व कार्य सिद्ध होते हैं। श्री राणी रूपादे जी का मन्दिर पालियाधाम (तिलवाड़ा) छत्तीशी कौम की आस्था का प्रमुख केन्द्र है। यहां पर प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन लाभ लेते हैं तथा उनकी सम्पूर्ण मनोकामनाएँ माँ रूपादे जी पुरी करती है। कार्यक्रम में राव किशनसिंह मेवानगर व राव योगेश सुंदेशा ने रावल मल्लीनाथ जी, श्री राणी रूपादेजी व श्री जगमाल जी उत्पति व वंश पर प्रकाश डालते हुए संक्षिप्त में जानकारी दी। कार्यक्रम के दौरान महाप्रसादी के लाभार्थी श्री मल्लीनाथ ट्रावेल्स (बालोतरा) भगवानसिंह जागसा व भभूतसिंह नोसर को संस्थान द्वारा स्मृति चिन्ह देते हुए सम्मानित किया गया।
यह रहे मौजूद 
इस शुभ अवसर पर पचपदरा विधायक अरुण चौधरी, संस्थान समिति सदस्य गुलाबसिंह डंडाली, मोहनसिंह बुड़ीवाडा, हडवंतसिंह नोसर, प्रवीणसिंह, भीमसिंह टापरा, विक्रमसिंह, शम्भूसिंह, गणपतसिंह असाड़ा, मांगुसिंह जागसा व सूरजभानसिंह दाखा, गणपतसिंह सिमालिया, ठा. गजेन्द्रसिंह जसोल, ऊदयसिंह डंडाली, दीपसिंह, स्वरूपसिंह, लाखसिंह, भगवानसिंह, मनोहरसिंह जागसा, शोभसिंह, भूपतसिंह, जोगसिंह, प्रेमसिंह, सुरेन्द्रसिंह असाड़ा, मनोहरसिंह टापरा, हेमसिंह, देवीसिंह, भगवतसिंह बुड़ीवाडा, गुमानसिंह मेवानगर, जालमसिंह, पिंटूसिंह नोसर, जेतमालसिंह राठौड़ आवासन मण्डल, सुजाराम सुन्देशा, अमराराम माली, मोहनभाई पंजाबी, राजेश भाई कौशल बालोतरा, देवाराम, गणपतलाल माली जसोल व मालाणी क्षेत्र के प्रबूद्धजनों सहित हजारों की संख्या में भक्तगण मौजूद रहे।