शनिवार, 27 जनवरी 2024

*गांव के युवाओं की पहल से बदली श्मशान की तस्वीर,अब किसी पार्क सा नजर आ रहा सार्वजनिक मुक्तिधाम..*.


Anil vaishnav
Balotra
शमशान का नाम आते ही पहली तस्वीर सामने आती है उजाड़ पड़े स्थल की ,लेकिन बालोतरा जिले के आसोतरा गांव के युवाओं की नई सोच व पहल से सार्वजनिक श्मशान घाट की तस्वीर बदल दी,आज यह मुक्तिधाम किसी सार्वजनिक पार्क जैसा नजर आ रहा है,शमशान स्थल के चारो ओर चारदीवारी के बीच रंग बिरंगे फूल व हरियाली से सजा यह स्थल अपने बदलाव की कहानी बता रहा है।यंहा हर समाज के लिए अलग अलग पक्के शवदाह गृह बनाये गए,इस जगह पानी की समुचित व्यवस्था के लिए अलग अलग पानी के टांको का भी निर्माण किया गया।लोगो के बैठने के लिए बेंचेज लगाई गई है।
यही नही श्मशान स्थल पर शिव मंदिर के साथ पक्षियों के लिए एक बड़ा चुग्गा घर का भी निर्माण किया गया,जो वहां से गुजरने वालो को अपनी ओर आकर्षित करता है।ग्रामीणों के अनुसार  पहले बबूल की झाड़ियों से व उजाड़ से पड़ा श्मशान घाट में शव दाह के लिए आने वाले ग्रामीणों को परेशानी झेलनी पड़ती थी ,छांव व पानी की कोई व्यवस्था नही थी।लेकिन गांव के युवाओं ने एक कमेटी का बना कर इसकी तस्वीर बदलने की सोची।युवाओ ने जनसहयोग से इसमें बदलाव लाया,पहले तो उन्हें इसका पुरानी सोच  व विचारधारा के चलते विरोध भी झेलना पड़ा,लेकिन गांव के युवाओं ने बीड़ा उठाते हुए श्मशान में चारदीवारी,पानी के टांको,सीसी सड़क सहित अलग अलग समाज के लिए पक्के शवदाह स्थल का निर्माण शुरू किया,।श्मशान स्थल पर आज छायादार पेड़ो के साथ फलदार पौधे भी लगाए गए है।बारिश के पानी को सहेजने के लिए टांको का निर्माण किया गया।
गांव के भंवरलाल चौधरी ने बताया कि गांव के अधिकांश युवा रोजगार के लिए देश के अलग अलग कोनो में अपना व्यवसाय कर रहे है,बड़े शहरों में आधुनिक व सुविधायुक्त श्मशान स्थल देख कर उन्होंने गांव में भी श्मशान स्थल को सुंदर व सुविधाजनक बनाने की शुरुआत की इस स्थल पर 2 हजार पौधों का वृक्षारोपण किया गया,आज इस स्थल पर लोग आते है तो उन्हें सकून मिलता है,बदलाव के बाद गांव के अन्य लोग भी सहयोग के लिए आगे आये जिसके चलते यंहा बदलाव देखने को मिल रहा है।आगे इस जगह बच्चों के लिए झूलो व रोशनी के लिए लाइट पोल लगाने की तैयारी चल रही है।
ग्रामीण भी अब इन युवाओं कि इस पहल की तारीफ कर रहे और यंहा हो रहे अन्य विकास में अपनी भागीदारी निभा रहे।श्मशान के पास ही गांव द्वारा संचालित गौ शाला को भी आधुनिक बनाने की शुरुआत की गई है,इस गौशाला में गांव के साथ आसपास के गांवों के आवारा गौवंश के लिए आशियाना बनाया जा रहा है।

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