बुधवार, 23 फ़रवरी 2022

प्रदेश सरकार के 2023 बजट घोषणाओं से पचपदरा वासी हुए निराश,बालोतरा को जिला बनाने की मांग पर लगी निराशा हाथ,विधायक ने भी जूते चप्पल नही पहनने के संकल्प को लेकर विधानसभा के बाहर जूतों का किया त्याग।

 बजट 2023 में पचपदरा विधानसभा को मुख्यमंत्री ने भले ही कई नई सौगात दी लेकिन बालोतरा को जिला बंनाने की मांग इस बार भी पूरी नही हो पाई। विधायक मदन प्रजापत के संकल्प सहित सिवाना विधायक हमीर सिंह,केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी,पूर्व राजस्व मंत्री अमराराम सहित दर्जनों जनप्रतिनिधियों की मांग को इस बार भी नजरअंदाज कर दिया गया। 2023 के बजट में पचपदरा विधानसभा को भले रिफाईनरी से सम्बंधित 383 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में पीसीपीआईआर  की सौगात मिली लेकिन स्थानीय युवाओं को रोजगार उपलब्ध करवाने को लेकर कोई ठोस घोषणा नही की गई। इस बजट में क्षेत्र को महज मंडली के पीएचसी को सीएचसी,बालोतरा में सावित्री बाई फूले बालिका छात्रावास,ग्राम पंचायत चांदेसरा में 33/11 केवी जीएसएस,पोकरण-फलसुंड-बालोतरा-सिवाना पेयजल परियोजना में 245.76 करोड़ , 25 किलोमीटर सड़क,कुड़ी व डोली के वन्य जीवों के लिए रेस्क्यू सेंटर और रिफाईनरी में स्थानीय 1लाख 40 बेरोजगारों को रोजगार की ही सौगात मिल पाई है। क्षेत्र के पलायन को मजबूर पोपलीन कपड़ा उद्योग के लिए किसी विशेष पैकेज की घोषणा नही होने से उद्यमी भी मायूस नजर आए। बालोतरा के जिले की मांग इस बजट में भी पूरी नही होने पर पचपदरा विधायक मदन प्रजापत ने अपने संकल्प के अनुसार विधानसभा के बाहर अपने जूतों का परित्याग किया,विधायक ने जिला नही बनने पर जूते चप्पल नही पहनने व प्रश्नकाल में कोई प्रश्न नही उठाने का संकल्प लिया था ,आज के बजट में जिले की घोषणा नही होने पर विधायक सहित कांग्रेस के अन्य पदाधिकारी भी मायूस नजर आए। बीजेपी ने भी जिले की मांग पूरा नही होने पर बजट को महज राजनीतिक बताया,किसानों के ऋण माफी सहित अन्य मांगों के पूरा नही होने पर इस बजट को महज कागजी बजट बताया।पूर्व मंत्री अमराराम चौधरी,जिलाध्यक्ष महेश चौहान,गणपत बांठिया ने इस बजट को महज राजनीतिक बजट बताया ओर कहा कि क्षेत्र में रिफाईनरी सहित अन्य मापदण्डो पर खरा उतरने के बावजूद जिले की घोषणा नही करना निराशाजनक है ।वित्त के अभाव में बजट घोषणाओं को अमलीजामा पहनाने में सरकार नाकाम रहेगी।

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